Monday, May 26, 2008

कवि सम्मेलन - एक अनोखी घटना

कवि सम्मेलन - एक अनोखी घटना
------------------------------------------

कवि सम्मेलन एक अनोखी घटना है
मंच पकड़ने वाले माइक पकड़ लेते हैं
अपना नाम और पता दिए बिना ही
औरों की खिंचाई करने लगते हैं

कवि सम्मेलन एक अनोखी सूचना है
सभी कवि कहीं-न-कहीं पुरस्कृत हैं
नाम सुना हो या न हो कवि का
वाह! वाह! और ताली यूं ही बरसते हैं

कवि सम्मेलन एक नई विडम्बना है
कवि अपने आप को 'बच्चन' समझते हैं
जीवन के रास्ते से भटके हुए लोग
औरों को जीवन की सीख देते हैं

कवि सम्मेलन एक अनोखी कल्पना है
सच्चाई से दूर सपनों के द्वार खोलते हैं
कभी-कभी सपनों में इतना खो जाते हैं
बैठे-बैठे ही कुर्सी पर सो जाते हैं

कवि सम्मेलन एक अन्होनी घटना है
भीड़ जमा करने में महीने लगते हैं
टिकट बेंचने वाले कोशिश करते हैं
न बिके तो मुफ्त में श्रोता बुलाते हैं

कवि सम्मेलन एक अजीब तुलना है
कवि ज्यादा और कवयित्री कम होते हैं
शादी-शुदा अधिक और कुँवारे कम दिखते हैं
जाने किस मजबूरी में सब शांत होकर सुनते हैं

कवि सम्मेलन एक अविस्मरणीय घटना है
जो नया लगे उसे तुरंत नोट कर लीजिये
कलम नहीं तो टेप रेकॉर्ड अवश्य कर लीजिये
अबकी बार न सही, कम से कम -
अगले कवि सम्मेलन की तैयारी कर लीजिये

--
शैलेश मिश्र
२६ मई २००८
डैलस, टेक्सास, (यू. एस. ऐ.)
smishra@gmail.com

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home