Friday, November 17, 2006

LittiChokha.com's review on Sajaniya Tohse..

पढ़ाई-लिखाई, रोजी-रोजगार भा कौनो अउर कारण से भोजपुरिया दुनिया के लगभग हर कोना में प्रवास करेलन. जगह-जगह के हिसाब से ऊ अपना के बदलबो करेलन... बाकी न बदलेला उनकर मन के कोना. उनकर ई कोना त भर जिनगी भोजपुरिया ही रहेला. निश्छल आ भावुक भोजपुरिया. अइसने भावुक प्रवासी भोजपुरिया शैलेश मिश्र के प्रेम रस में डूबल एगो गीत रउआ लोग खातिर प्रस्तुत बा.

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सजनिया तोहसे प्रीत लगवनी

ना तू हमके जानत रहलू
ना हम तोहके जानत रहनी
फिर भी अंखिया चार कइनी
सजनिया तोहसे प्रीत लगवनी

सरसों के खेत में घूमत रहलू
गछिया से अमवा तुड़त रहलू
खेतवा में लुक्का-छिपी खेलत रहनी
सजनिया तोहसे प्रीत लगवनी

तरकारी के बाज़ार में आवत रहलू
नजरिया मिलाय के झूकावत रहलू
झोरवा दोकनिये में भूला गइनी
सजनिया तोहसे प्रीत लगवनी

सावन में झूलूआ झूलत रहलू
बदरी घेराइल त झूमे लगलू
बरखा बूनी के ना हम देखनी
सजनिया तोहसे प्रीत लगवनी

रोज पनघट प पानी भरलू
चना-चबेना फटकत रहलू
चिनिया मांगे के बहाना कइनी
सजनिया तोहसे प्रीत लगवनी

हिरणी के चाल चलत रहलू
मोरनी के नाच नाचत रहलू
चिरई पियासल हम उड़त रहनी
सजनिया तोहसे प्रीत लगवनी

फगुवा में बसंती लागत रहलू
दिवाली में फूलझड़ी जनात रहलू
अकेलहीं खिचड़ी पकावत रहनी
सजनिया तोहसे प्रीत लगवनी

सपनवा में देखाई देत रहलू
दिनवा-रतवा भूलात न रहलू
जीवन-संगिनी तोहके चाहत रहनी
सजनिया तोहसे प्रीत लगवनी


-शैलेश मिश्र
http://www.bhojpuri.us/

Wednesday, November 15, 2006

Sajaniya Tohse Preet Lagawni

Sajaniya Tohse Preet Lagawni
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Naa Tu Hamke Jaanat rahlu,
Naa Hum Tohke Jaanat rahni
Phir bhi ankhiya-chaar kaini
Sajaniya Tohse Preet Lagawni

Sarson ke khet mein ghoomat rahlu
Pedawa se amawa tuurat rahlu
Khetawa mein lukka-chupi khelat rahni
Sajaniya Tohse Preet Lagawni

Tarkaari ke Bazaar mein aawat rahlu
Nazariya milay ke jhukawat rahlu
Jholawa ke dukaniye par bhool gaini
Sajaniya Tohse Preet Lagawni

Sawan mein jhoola jhoolat rahlu
Badariya ghiray ta jhuume laglu
Barkha booni ke na hum dekhani
Sajaniya Tohse Preet Lagawni

Roj pan-ghat par paani bharlu
Chana-Ghuguni phaankat rahlu
Moong-phali maange ke bahana kaini
Sajaniya Tohse Preet Lagawni

Hirani ke chaal chalat rahlu
Morni ke naach naachat rahlu
Panchi piyasal hum uuDat rahni
Sajaniya Tohse Preet Lagawni

Didi Ke Biyah mein muskaat rahlu
Bhauji se hamar chupe photo manglu
Sab jaanke bhi ham anjaan ban gaini
Sajaniya Tohse Preet Lagawni

Phaguwa mein basanti lagat rahlu
Diwali mein phuljhadi janaat rahlu
Akele hi khichadi pakaawat rahni
Sajaniya Tohse Preet Lagawni

Sapanawa mein dekhayi det rahlu
Dinawa-Ratiyaa bhulaat naa rahlu
Jeevan-sangini tohke chahat rahni
Sajaniya Tohse Preet Lagawni

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(Bhojpuri Kavita by Sailesh Mishra)
Dallas, TX
15 November, 2006
smishra@gmail.com