Thursday, June 19, 2008

अन्हरिया में चनरमा

अन्हरिया में चनरमा

बियाह के बाद जबले लइका- लइकी ना होला, घर सून लागेला माई-बाप बनला पर जवन अनुभव होला, ओकरा पर आधारित हमार ई भोजपुरी कविता बा - अन्हरिया में चनरमा

अन्हरिया में चनरमा
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अमावस बीतत गइल कवनो तारा ना आइल
लइका-लइकी बिना माई-बाप तरसे, तरसे अइसन
अनाथ पर ममता उमड़ आइल

पैदा भइनी त घरवा में आइल
अन्हरिया में चनरमा, चनरमा अइसन
पूरा वंश में अंजोर भइल

बोलनी मुहवाँ से तs घरवा में भइल
सून-सान अंगना में हल्ला, हल्ला अइसन
मोहल्ला-जवार में खुशहाली आइल

निनिया न आवे त बजरवा से आइल
कन्हैया के झुलना, झुलना अइसन
अंजोरिया भी दिनवा में सूते आइल

कौवा के खियवनी रोटी त चिरैया आइल
झुंड संगे धान खाए, खाए अइसन
खरीद के धान के बोरा आइल

हियाँव-हियाँव रोवनी त खेलवना आइल
डगरा-डगरा के खेले, खेलनी अइसन
सौंसे खेलवना के बजार आइल

खाए-पिये लगनी त दूधवा के दाँत आइल
कुटुर-कुटुर चबाये, चबवनी अइसन
कुल्ही चवन्नी-अठन्नी के सिक्का हेराइल

जमीनिया पर हथवा धरके चले आइल
लोगवा पीछे-पीछे दउरे, दउरे अइसन
हार के अंगना से दुआर गेंडाइल

पहिली बेरिया बगिया में एगो भँवरा आइल
बहुत बरिस बाद फुलवा खिलल, खिलल अइसन
अन्हरिया में चर-चरगो चनरमा आइल

घरवा के चनरमा कुल के उजागर कईलन
माई-बाप में ममता के बाढ़ आईल, बाढ़ अइसन
"शैलेश", अन्हरिया फेरु कब्बो ना आइल

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शैलेश मिश्र
डैलस, टैक्सस, अमेरिका
२२ जुलाई २००८
smishra@gmail.com

[शैलेश मिश्र हिन्दी औरी भोजपुरी भाषा के लेखक और कवि हउवन भोजपुरी असोसिएशन ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका के संस्थापक और अध्यक्ष हउवन भोजपुरी के जानल-पहचानल सोशल नेटवर्क - भोजपुरीएक्सप्रेस.कॉम के सृजनकरता औरी संचालक हउवन मूल रूप से बलिया जिला के डांगरबाद गाँव से जुडल हउवन औरी अमेरिका के डैलस शहर (टेक्सास) में सॉफ्टवेर इंजिनियर बाडन